Pradeep
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तुम अपने घर की खिड़की से देखते हो,
तो तुम्हें पड़ोसी का गन्दा घर नजर आता है,
गंदे कपड़े नजर आते हैं,
गन्दा चेहरा नजर आता हैं|
.
तुम्हें गर्व होता है,
स्वयं पर,
तुम खुश होते हो,
स्वयं की उन्नति पर नहीं,
उनकी अवनति पर,
श्रेष्ठता की दौड़ में,
तुम स्वयं को
एक कदम आगे पाते हो|
.
पर क्या कभी
तुमने अपने घर की
खिड़की साफ़ की है ?
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